राजस्थानी चित्रकला की विशेषताएं ( Features Of Rajasthani Painting )
- विषय वस्तु की विविधता, वर्ण विविधता, प्रकृति परिवेश, देश काल के अनुरूप होना राजस्थान चित्रकला की प्रमुख्पा विशेषताएं हैं।
- – धार्मिक एंव सांस्कृतिक क्षेत्र की चित्रकला में भक्ति एंव अंगार इस की प्रधानता हैं।
- – दीप्तियुक्त, चटकदार एंव सुनहरे रंगो का अधिक प्रयोग किया जाता है। – किला महलों व हवेलियों में त्रिकला का पोषण हुआ।
- – मुगल त्रिकला से प्रभावित राजस्थानी चित्रकला में विलासिता, तडक भडक अन्तःपुर के चित्रव पारदर्शी वस्त्र पहने पात्रों के चित्र बनाए गए हैं।
– राजस्थानी चित्रकला में समग्रता के दर्शन हाते हैं। मुख्य आकृति व पृष्ठभूमि का हमेशा सामन्जस्य बना रहता था। चित्र में प्रत्येक वसतु का अनिवार्य महत्व होता था।
– राजस्थानी चित्रकला में प्रकृति का मानवीकरण किया गया हैं। प्रकृति को जड़ नहीं मानकर उसका मान व के सुख – दुख के साथ तारतम्य स्थापित किया गया।
– मुगलों की अपेक्षा राजस्थानी चित्रकारों को अधिक स्वतन्त्रता होने के कारण लोक विश्वासों को अधिक अभिव्यक्ति मिली।
– विभिन्न ऋतुओं का श्रृंगारिक वर्णन कर मान व जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का चित्रण किया गया।
– राजस्थान चित्रकला में नारी सौन्दर्य का चित्रण अधिक किया गया हैं।
– प्राकृतिक सौन्दर्य का अधिक चित्रण होने के कारण राजस्थानी चित्रकला अधिक मनोरम हो गयी हैं।
राजस्थान की संगीतबद्ध जातियां : – ढोली, राणा, लंगा, मांगणियार, कलावन्त, भवई, कजर, भोपा, ढाढी
लोकगीतों की विशेषताएं:
मनष्य मन की सुख-दुख की भावनाओं का मौखिक रूप में लयबद्ध होना ही लोकगीत हैं।
राजस्थानी लोकगीतों में पेड़ -पौधों का वणन कर प्रकृति के साथ लोगों का जुडाव प्रकट होता हैं।
जैसे:- चिश्मी, पीपनी, जीरा
पशु-पक्षियों के माध्यम से विरहणी महिलाओं ने अपने प्रियतम के पास संदेश भेजे हैं तथा उन पक्षियों को अपने परिवार के सदस्य के समान माना गया हैं।
जैसे:- कुरजा, सुवटियों, मोरियो, बिच्छूडो।
राजस्थान लोकगीतों की स्वतंत्रता की बात नहीं की गई हैं। ये पति – पत्नी के निर्मल दाम्पत्य प्रेम के गीत हैं।
राजस्थान लोकगीतों में हमारे लोक विश्वासों की मुखर अभिव्यक्ति हुई हैं।
विभिन्न देवी देवताओं पर लिखे गए गीत निराश मनुष्य में भी आशा का संचार करते हैं
राजस्थानी लोकगीतों में पायल की झंकार व तलवार की टंकार दोनों ही सुनाई देती हैं।
सामन्ती परिवेश मे लिखे गए राजस्थान लोकगीतो में वीर इस की प्रधानता रहती हैं।